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About Alok

आलोक कैम्ब्रियन हॉल देहरादून और कॉल्विन ताल्लुकेदार कॉलेज लखनऊ से स्कूली शिक्षा प्राप्त कर रूड़की विश्वविद्यालय [IIT, रूड़की] से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के स्नातक हैं। रूड़की के बाद १९८३ से मुंबई और कलकत्ता के रंगमंचों पर आपने अभिनेता के रूप में नाटकों में हिस्सा लिया और शायद यही कारण है कि व्यवसाए से मशीनों से जुड़े होने के बावजूद कविता और गीतों के रूप में समय समय पर अपने आपको अभिव्यक्त करते रहे।

हंसमुख व्यक्तित्व और हाज़िर जवाबीका स्वभाव रखते हुए अपनी कविता में गूढ़ दर्शन भाव सरलता से प्रस्तुत करते हैं। आकाशवाणी और दूरदर्शन के नेशनल चैनल ने एक कवि के रुप में आलोक के साथ साक्षात्कार करके उनके विचारों को अपने श्रोताओं और दर्शकों तक समय समय पर पहुंचाया है।

आलोक की कविताओं का पहला संग्रह अभिनव अनुभवके नाम से २०१० में टाटा मक्ग्रॉ हिल द्वारा प्रकाशित हुआ। उनकी कविताओं का दूसरा संग्रह ‘अर्ज़ी है’ के नाम से २०१६ में साईबरविट द्वारा प्रकाशित हुआ। अर्ज़ी है की एक कविता भजन सम्राट अनूप जलोटा जी द्वारा स्वरबद्ध हुई और उनकी सम्मोहिनी वाणी में २०२१ में टीसीरीज द्वारा विश्व के अनेक ओडिओ एवं ओडिओविडिओ पटलों पर उपलब्ध है।

 

ये जीवन है तो इसमें कुछ, अँधेरा भी तो छाएगा
मगर हर रात के आगे, सवेरा ही तो आएगा
कड़ी मेहनत यहाँ करते, तो बहुतों को ही देखा है
दुआएं भी मिलें जिसको, वो ज़यादा फल तो पाएगा

…आलोक